tag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post8427406910470372171..comments2023-10-16T01:07:46.054-07:00Comments on काहे को ब्याहे बिदेस....: नीले आसमान से स्लेटी बादल घुमड़- घुमड़ कर उसकी ओर आ रहे थे....neerahttp://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-66736453990263034382009-11-15T02:09:49.970-08:002009-11-15T02:09:49.970-08:00जिन्दा पलों की चाबी उसकी अँगुलियों में हर समय झूलत...जिन्दा पलों की चाबी उसकी अँगुलियों में हर समय झूलती...<br />WAH<br />BAHUT ACHA NEERA<br />aaj ke dour ke ladke ladkiyon ki jindagi ko tumne bakhubi bayan kiya..bhasha nadi ke saman behti hai ..bina kisi rukkavat ke...wahAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12938650631044447394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-37499296244009311842009-11-11T05:29:29.544-08:002009-11-11T05:29:29.544-08:00Kahani kuch apni si lagi. Khaskar Vrinda ka khud k...Kahani kuch apni si lagi. Khaskar Vrinda ka khud ko vyasta rakhaane ka tarika.Achchha laga padh kar.Medhahttps://www.blogger.com/profile/02317571720011160617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-37994357096666832232009-11-05T00:56:27.187-08:002009-11-05T00:56:27.187-08:00वृंदा ने भरपूर जिंदगी जी, उसने कभी अपनेआप को अकेला...वृंदा ने भरपूर जिंदगी जी, उसने कभी अपनेआप को अकेला महसूस नहीं किया.. किसी से मिलने और अपनी जिंदगी में शामिल करने का कभी कोई अवसर नहीं गवाया...<br /> वृंदा ने सोशलाइज़िन्ग के अलावा कई और शौक पाल लिए हैं जैसे हर तीन महीने बाद छुट्टियों पर जाना , हफ्ते में एक बार सालसा क्लास के लिए जाना, जन्मदिन और शुभ अवसरों पर दोस्तों और घरवालों के लिए खुद हाथ से ग्रीटिंग कार्ड बना कर देना, इतवार को ब्लाइंड स्कूल में जाकर अंधे बच्चो के साथ खेलना, शनिवार को कोचिंग स्कूल में पढ़ाना, इसके अलावा जो समय बचा फेसबुक और किताबों में मुह दे लेना .... उसके चेहरे की ताजगी और मन की चंचंलता समय के साथ निखरती रही, खुश रहने का तो उसे वरदान मिला था.<br />Bahut dil se aur ummeedon se likhi hai kahani ...sundar abhivyakti badhai...Dr.R.Ramkumarhttp://drramkumarramarya.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-18835231724698010272009-11-04T00:18:16.775-08:002009-11-04T00:18:16.775-08:00सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप........सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप.....कुछ पंक्तियाँ underline कर रखीं हैं मसलन......<br /><br />उसने खिड़की से बाहर फैले अँधेरे को देखा... आखों के रास्ते वो उसके भीतर और आस-पास उतरने लगा ... क्या अभी भी वो ब्लेक एंड व्हाइट जिंदगी जीता है? जीवन के रगों के प्रति कलर ब्लाइंड है ?... अपनी इच्छा को दराज में बंद कर दुनिया की ख्वाइशों में जीता है? ..इर्द -गिर्द बिखरे जिंदा पलों को अनदेखा कर पलकें मूंद लेता है ... धरकनो की आवाज़ में भी ट्रेफिक का शोर सुनता है, आज और अभी को ठुकरा कर कल और परसों में जीता है... इस अँधेरे से निकल भी ना पाई थी की सोचते-सोचते दुसरे अंधरे ने आँखों को घेर लिया और पता ही चला कब पहला अँधेरा उसे अकेला छोड़ खिसक गया ...<br /><br /> नीले आसमानपर स्लेटी बादलों का घुमड़ना मुबारक आपको ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-88766193592997471552009-11-04T00:17:18.648-08:002009-11-04T00:17:18.648-08:00सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप........सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप.....कुछ पंक्तियाँ underline कर रखीं हैं मसलन......<br /><br />उसने खिड़की से बाहर फैले अँधेरे को देखा... आखों के रास्ते वो उसके भीतर और आस-पास उतरने लगा ... क्या अभी भी वो ब्लेक एंड व्हाइट जिंदगी जीता है? जीवन के रगों के प्रति कलर ब्लाइंड है ?... अपनी इच्छा को दराज में बंद कर दुनिया की ख्वाइशों में जीता है? ..इर्द -गिर्द बिखरे जिंदा पलों को अनदेखा कर पलकें मूंद लेता है ... धरकनो की आवाज़ में भी ट्रेफिक का शोर सुनता है, आज और अभी को ठुकरा कर कल और परसों में जीता है... इस अँधेरे से निकल भी ना पाई थी की सोचते-सोचते दुसरे अंधरे ने आँखों को घेर लिया और पता ही चला कब पहला अँधेरा उसे अकेला छोड़ खिसक गया ...<br /><br /> नीले आसमानपर स्लेटी बादलों का घुमड़ना मुबारक आपको ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-15876520995780558462009-11-03T23:08:14.955-08:002009-11-03T23:08:14.955-08:00सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप........सुभानाल्लाह.....नीरा जी कमाल का लिखतीं हैं आप.....कुछ पंक्तियाँ underline कर रखीं हैं मसलन......<br /><br />उसने खिड़की से बाहर फैले अँधेरे को देखा... आखों के रास्ते वो उसके भीतर और आस-पास उतरने लगा ... क्या अभी भी वो ब्लेक एंड व्हाइट जिंदगी जीता है? जीवन के रगों के प्रति कलर ब्लाइंड है ?... अपनी इच्छा को दराज में बंद कर दुनिया की ख्वाइशों में जीता है? ..इर्द -गिर्द बिखरे जिंदा पलों को अनदेखा कर पलकें मूंद लेता है ... धरकनो की आवाज़ में भी ट्रेफिक का शोर सुनता है, आज और अभी को ठुकरा कर कल और परसों में जीता है... इस अँधेरे से निकल भी ना पाई थी की सोचते-सोचते दुसरे अंधरे ने आँखों को घेर लिया और पता ही चला कब पहला अँधेरा उसे अकेला छोड़ खिसक गया ...<br /><br /> नीले आसमानपर स्लेटी बादलों का घुमड़ना मुबारक आपको ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-66316230150544979422009-10-31T03:49:49.958-07:002009-10-31T03:49:49.958-07:00मन को छू गयी आपकी कथा। बहुत ही मार्मिक भाव हैं, इस...मन को छू गयी आपकी कथा। बहुत ही मार्मिक भाव हैं, इसके लिए अगर बधाई न दूं, तो ये बेइमानी होगी। और हाँ, कहानी का शीर्षक बहुत ही प्यारा है।<br /><br />--------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">चार्वाक: जिसे धर्मराज के सामने पीट-पीट कर मार डाला गया।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-64338532896649723132009-10-30T09:29:53.645-07:002009-10-30T09:29:53.645-07:00Achchee postAchchee postप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-83804592797281218352009-10-27T23:10:47.692-07:002009-10-27T23:10:47.692-07:00कई दिन से आपको पढ़ने की सोच रहा था आपकी कुछ टिप्पणि...कई दिन से आपको पढ़ने की सोच रहा था आपकी कुछ टिप्पणियां अपने प्रिय ब्लौगरों की पोस्टों पे पढ़कर। आज फुरसत मिली कुछ तो....अच्छा किया जो आ गया, वर्ना शब्दों के इन हसीन रंगों से वंचित रह जाता।<br /><br />अच्छा शिल्प और मोहक भाषा-शैली...कहीं-कहीं टंकन की त्रुटियां उलझाती हैं, लेकिन दुबारा पढ़ने पे समझ में आ जाती हैं।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-69186689967814845262009-10-25T01:58:46.730-07:002009-10-25T01:58:46.730-07:00जटिल को सरलता से लिखना आपसे सीख रहा हूँ.
पोस्ट के ...जटिल को सरलता से लिखना आपसे सीख रहा हूँ.<br />पोस्ट के बारे में क्या कहूँ वही हज़ार खुशबुओं वाली ज़िन्दगी वही हज़ार शिकायतें जो एक सवाल बन के उभरती है. बहुत ही सुंदर !के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-49554469610740099382009-10-24T09:31:58.816-07:002009-10-24T09:31:58.816-07:00कम में भी सब कुछ सामने चलता दिखाई देता है.समय,रंग,...कम में भी सब कुछ सामने चलता दिखाई देता है.समय,रंग,रिश्ते और बहुत कुछ.<br />एक चित्र लिपि की तरह है ये कथा.सुंदर,अर्थपूर्ण और संजोने लायक.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-45468036442979106512009-10-23T11:45:30.487-07:002009-10-23T11:45:30.487-07:00एक और उम्दा पोस्टएक और उम्दा पोस्टAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-50814567411658508052009-10-21T04:47:42.343-07:002009-10-21T04:47:42.343-07:00बेहतरीन लगी यह कहानी .आपकी कलम जब भी कुछ लिखती है ...बेहतरीन लगी यह कहानी .आपकी कलम जब भी कुछ लिखती है वह दिल को छु लेती है ..बहुत कुछ अपने आस पास का लगता है ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-49520037813246084292009-10-21T00:57:05.688-07:002009-10-21T00:57:05.688-07:00पुष्कर जैसे पात्र हमारे आस पास दर्ज़नों बिखरे पड़े ...पुष्कर जैसे पात्र हमारे आस पास दर्ज़नों बिखरे पड़े हैं.....हाँ , वृंदा जैसे ज़िन्दगी से भरपूर बिदास पात्र....उँगलियों पर भी गिनने को नहीं मिलेंगे....अच्छी कहानी..ज़िन्दगी के करीब..rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-30751457210123805852009-10-21T00:54:09.073-07:002009-10-21T00:54:09.073-07:00सुबह जब आँख खुली तो उसके मोबाइल फोन पर अनजान नंबर ...सुबह जब आँख खुली तो उसके मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से दो मिस काल थे और एक अस ऍम अस ... मैं कल तुम्हारे शहर आ रहा हूँ तुम्हे डेट पर ले जाने... अपनी सभी डेट्स केंसल कर दो... पहुँच कर फोन करता हूँ ..पुष्कर..nahi janti kyun bt these lines r ultimate.....डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-38480693589770261462009-10-20T23:57:10.129-07:002009-10-20T23:57:10.129-07:00वृंदा को तो मैं जानती हूँ, बहुत अच्छी तरह और पुष्क...वृंदा को तो मैं जानती हूँ, बहुत अच्छी तरह और पुष्कर को भी...मगर ये बात अजीब सी है कि दोनो मुझ में ही कैसे है...?????<br /><br />excellent....! amazing...!! I'm speechless after reading it...!!!!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-44480241507569264112009-10-20T23:24:35.455-07:002009-10-20T23:24:35.455-07:00जानती है .कुछ लोग जब लिखते नहीं कई दिनों तक .उन्ह...जानती है .कुछ लोग जब लिखते नहीं कई दिनों तक .उन्हें बुलाने का मन करता है .आप उनमे से एक है ...फिर भी ऐसा लगा ..बहुत कुछ कहा नहीं .....जितना भी कहा ...कुछ भी अजनबी सा नहीं लगता ...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-17308166479178209282009-10-20T22:53:10.952-07:002009-10-20T22:53:10.952-07:00बहुत सुन्दर कहानी है।बढिया लिखी है।बहुत सुन्दर कहानी है।बढिया लिखी है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-85542676446230086222009-10-20T22:44:33.193-07:002009-10-20T22:44:33.193-07:00bahut hi rochak , dil ko chooti kahani laikhi hai....bahut hi rochak , dil ko chooti kahani laikhi hai.......badhayi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-57910459794624254032009-10-20T22:16:39.283-07:002009-10-20T22:16:39.283-07:00सुन्दर कहानी बुनी है जिसमें रंग भी हैं और ब्लैक एं...सुन्दर कहानी बुनी है जिसमें रंग भी हैं और ब्लैक एंड व्हाइट कलेवर भी हैअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-73901677239523738262009-10-20T21:54:14.096-07:002009-10-20T21:54:14.096-07:00कथानक कथ्य शैली शिल्प कहीं भी कसर नहीं छोडी । बहुत...कथानक कथ्य शैली शिल्प कहीं भी कसर नहीं छोडी । बहुत सुन्दर कहानी है शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-22574967131639660002009-10-20T21:45:59.443-07:002009-10-20T21:45:59.443-07:00जब भी ऐसी किसी लड़की के बारे में पढ़ती हूँ लगता है ...जब भी ऐसी किसी लड़की के बारे में पढ़ती हूँ लगता है अपनी कहानी पढ़ रही हूँ...ख़ुशी तो अपने अन्दर छुपी होती है...<br />दुनिया के हिसाब से जीने वाले क्या जाने इस रंग को, उनके लिए तो सब ब्लैक एंड व्हाइट ही होगा. कहानी बड़ी खूबसूरत लिखी है आपने, अंत तो खास तौर से बहुत पसंद आया.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-73829069137584273582009-10-20T20:21:19.191-07:002009-10-20T20:21:19.191-07:00kabhi rishton ki gathe khul jaye ,kitna achha lagt...kabhi rishton ki gathe khul jaye ,kitna achha lagta hai,kush se sehmat.behad sunder likha hai aapne.mann mein kahi gehre utar gaya.mehekhttp://mehhekk.wordpress.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4663859798087063054.post-26553559610364531382009-10-20T20:17:20.676-07:002009-10-20T20:17:20.676-07:00पता नहीं क्यों दुनिया से डर कर हम अपनी इच्छाओ का ग...पता नहीं क्यों दुनिया से डर कर हम अपनी इच्छाओ का गला घोंट देते है.. कहानी की बुनावट अच्छी है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.com