वो क्या चाहता है?
उसे ख़ुद नही मालूम, पर वो नही जो मैं चाहती हूँ ।
तुम क्या चाहती हो?
थोड़ी सी जगह अपने लिये, थोड़ी सी ताज़ा हवा आत्मा लिये ।
वो एक अच्छा इंसान है।
कोई शक नही, पर घर में घुसने से पहले जूतों के साथ इंसानियत भी देहलीज पर रह जाती है ।
उससे बात करके देखो?
कोई फायदा नही।
क्यों?
उसे औरत देखाई नही देती और पत्नी की तो आदत होती है दूसरो को देख बहकने की...
पर तुमने तीस साल साथ गुजारे हैं अब क्या हुआ?
आपस के अन्तर से परिचित थे पर उन्हें जीने का समय नही मिला और अब समय भी है और बच्चों के जाने के बाद उनके लिये घर में जगह भी है।
आर्थिक रूप से आत्मनीर्भर हो तुम्हारे पास चोइस है।
हाँ है तो...
क्या तुम समाज से डरती हो?
नही...
पतिव्रता के ढोंग के फायदों का नुकसान उठा सकती हो ?
हाँ...
तो फ़िर देर क्योँ ? आंसू पौछों और दलदल से निकलो।
नही कर सकती...
क्यों ?
उसका दलदल और गहरा हो जायेगा और दुनिया के समस्त कमल से उसका विश्ववास उठ जायेगा।
तो तुम उसकी कमल हो...
नही, सूखता दलदल ....
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